बेंगलुरु
किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ने से परेशान कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम 'मन की बात' से सीख लेते हुए रेडियो पर किसानों तक पहुंचने की कोशिश की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार मुश्किल की इस घड़ी में उनके साथ है।
राज्य में किसानों की आत्महत्या की घटनाएं निरंतर जारी हैं और सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती के तौर पर उभरी हैं। ऐसे में सिद्धारमैया ने 'मन की बात' की तर्ज पर ही 'दिल की बात' कार्यक्रम के माध्यम से किसानों तक सरकार की सीधी बात पहुंचाने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि वह भी किसान के बेटे हैं और उनका दुख-दर्द समझ सकते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं किसान का बेटा हूं। बेटे पर विश्वास कीजिए जो किसान के परिवार से आता है।'
वहीं अपने इस प्रयास को लेकर मुख्यमंत्री विपक्षी भाजपा और जेडी(एस) के निशाने पर भी आ गए हैं जिन्होंने किसानों की कथित उपेक्षा करने और आत्महत्या करने वाले एक भी किसान के घर नहीं जाने को लेकर उनके विरुद्ध मुहिम चला रखी है।
सिद्धारमैया का रेडियो पर वार्ता और किसानों तक पहुंचने का उनका ये प्रयास उन खबरों के बीच हुई है जिसमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रभावित परिवारों का दौरा करने की योजना बनायी थी, लेकिन सिद्धारमैया ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए राजी कर लिया था।
उल्लेखनीय है कि आत्महत्या की ये घटनाएं विशेषकर राजनीतिक रुप से अधिक प्रभावशाली मांडा जिले के गन्ना क्षेत्र में अधिक देखने में आई हैं।
सिद्धारमैया ने किसानों से अपना मनोबल नहीं टूटने देने का आह्वान करते हुए कहा, 'आत्महत्याओं से मेरे मन के अंदर गहरी पीडा हुई है। प्रभावित परिवारों को सांत्वना देने के लिए कोई भी शब्द नाकाफी है। मैं खुद ही किसान का बेटा होने के नाते आपकी पीड़ा अनुभव कर सकता हूं।'
सौजन्य : INDIA TIMES NEWS
किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ने से परेशान कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम 'मन की बात' से सीख लेते हुए रेडियो पर किसानों तक पहुंचने की कोशिश की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार मुश्किल की इस घड़ी में उनके साथ है।
राज्य में किसानों की आत्महत्या की घटनाएं निरंतर जारी हैं और सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती के तौर पर उभरी हैं। ऐसे में सिद्धारमैया ने 'मन की बात' की तर्ज पर ही 'दिल की बात' कार्यक्रम के माध्यम से किसानों तक सरकार की सीधी बात पहुंचाने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि वह भी किसान के बेटे हैं और उनका दुख-दर्द समझ सकते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं किसान का बेटा हूं। बेटे पर विश्वास कीजिए जो किसान के परिवार से आता है।'
वहीं अपने इस प्रयास को लेकर मुख्यमंत्री विपक्षी भाजपा और जेडी(एस) के निशाने पर भी आ गए हैं जिन्होंने किसानों की कथित उपेक्षा करने और आत्महत्या करने वाले एक भी किसान के घर नहीं जाने को लेकर उनके विरुद्ध मुहिम चला रखी है।
सिद्धारमैया का रेडियो पर वार्ता और किसानों तक पहुंचने का उनका ये प्रयास उन खबरों के बीच हुई है जिसमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रभावित परिवारों का दौरा करने की योजना बनायी थी, लेकिन सिद्धारमैया ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए राजी कर लिया था।
उल्लेखनीय है कि आत्महत्या की ये घटनाएं विशेषकर राजनीतिक रुप से अधिक प्रभावशाली मांडा जिले के गन्ना क्षेत्र में अधिक देखने में आई हैं।
सिद्धारमैया ने किसानों से अपना मनोबल नहीं टूटने देने का आह्वान करते हुए कहा, 'आत्महत्याओं से मेरे मन के अंदर गहरी पीडा हुई है। प्रभावित परिवारों को सांत्वना देने के लिए कोई भी शब्द नाकाफी है। मैं खुद ही किसान का बेटा होने के नाते आपकी पीड़ा अनुभव कर सकता हूं।'
सौजन्य : INDIA TIMES NEWS
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