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Sunday, July 5, 2015

जेठमलानी का दावा: दाऊद को लाया जा सकता था भारत, पवार ने कहा था 'ना'

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को भारत लाए जाने को लेकर राजनीतिक और कूटनीतिक विवादों के बीच वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया है कि दाऊद को भारत लाया जा सकता था. लेकिन शरद पवार की वजह से ऐसा नहीं हो सका.

एक अंग्रेजी अखबार की खबर को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी छोटा शकील से नहीं बल्कि दाउद इब्राहिम से बात हुई थी और दाऊद ने कहा था कि उसने बम ब्लास्ट नहीं करवाया है. वह भारत आ जाएगा, बशर्ते उसके साथ सही सलूक किया जाए. लेकिन उसकी इस पेशकश को महाराष्ट्र में तत्कालीन सीएम शरद पवार ने खारिज कर दिया था.

नहीं स्वीकार थी दाऊद की शर्तें
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि वकील राम जेठमलानी ने 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम के समर्पण के लिए तैयार हो जाने पर उनसे संपर्क किया था. दाऊद ने समर्पण के लिए जो शर्ते रखी थीं, वे राज्य सरकार को स्वीकार्य नहीं थी, इसीलिए उसकी पेशकश खारिज कर दी गई. उसकी पहली शर्त थी कि उसे जेल में रखने की बजाए घर में नजरबंद रखा जाए.

एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में इससे पहले दाऊद इब्राहिम के सहयोगी छोटा शकील ने कहा था कि 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट के बाद दोनों ने देश वापस लौटने की पेशकश की थी. लेकिन इसे भारत सरकार ने ठुकरा दिया था. अब वे भारत लौटने से हिचक रहे हैं. इस बारे में उसकी वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी से भी बातचीत हुई थी.

नरेंद्र मोदी ने किया था वादा
दाऊद इब्राहिम को भारत लाने की कवायद काफी दिनों से चल रही है. यह मोदी सरकार के एजेंडे में भी है. लोकसभा चुनाव के समय नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि दाऊद को वापस लाने जैसे ऑपरेशन प्रेस रिलीज जारी करके नहीं किए जाते. अमेरिका ने लादेन के खिलाफ कार्रवाई प्रेस रिलीज जारी करके नहीं की थी.

इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक, छोटा शकील 1993 के मुंबई धमाकों के बाद से ही दाऊद इब्राहिम के साथ कराची में रह रहा है. यही 'डी' कंपनी का सबसे खास सिपहसालार भी है. इसी ने दाऊद इब्राहीम के सबसे बड़े दुश्मन छोटा राजन को ठिकाने लगाने की सुपारी ले रखी है.

सौजन्य: आज तक 

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