#जमशेदपुर #झारखंड अभी तक आपने इंसानों की समाधिस्थल या
क्रबिस्तान को देखा होगा. लेकिन झारखंड में एक ऐसी जगह है जहां पर लोगों ने पालतू
कुत्तों के लिए ग्रेवयार्ड बनाया है. जी हां सुनने में आपको अजीब लग रहा होगा
लेकिन इसे इंसान और वफादार कहे जाने वाले इस जानवर के रिश्तों की सबसे सबसे अनोखी
नजीर कही जा सकती है.
खास बात ये है कि इस
ग्रेवयार्ड में आने वाले लोग वैसी ही भावुक हो जाते हैं जैसे कि अपने किसी सगे
संबंधी की समाधि पर आए हों और नम आंखों से श्रद्धांजलि देते हैं.
1963 में जमशेदपुर के
टाटा मोटर्स के कैनाल परिसर में ये अनोखी जगह बनाई गई है. इस ग्रेवयार्ड कंपनी की
सुरक्षा और दूसरे कामों में इस्तेमाल किए जाने वाले कुत्तों को मरने के बाद दफनाया
गया है.
दरअसल टाटा मोटर्स
कैनाल में कई प्रजातियों के कुत्तों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है. यही नहीं पुलिस
को जब किसी मामले में जरूरत पड़ती है तो इन्हीं जानवरों की सेवाएं ली जाती हैं.
पिछले साल जमशेदपुर के आदित्यपुर में एक वारदात के खुलासे में यहां कैनाल के
कुत्तों ने बड़ी भूमिका निभाई थी.
इस समय कैनाल में एक
लैब्राडोर, छह जर्मन शेफर्ड और
पांच मैलियंस प्रजाति के कुत्ते हैं. सभी को अलग एक कमरा मिला हुआ है. यहां इन कुत्तों
को जवान कहा जाता है. इनकी नियमित दिनचर्या और डाइट है. यहां के कई कुत्तों को
उनके कामों को लेकर ट्रॉफी भी दी गई है. ऐसे ही एक कुत्ते को हीरो ऑफ टेल्को
आवॉर्ड दिया गया था. आरकाइव में इनको मिले सम्मान को सहेज कर रखा गया है.
सभी समाधिस्थल जाने
पर पता चलता है कि सभी कुत्तों के नाम टी अक्षर से शुरू होते हैं.
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