जर्मनी में एक ऐसी रेल सेवा है जिसकी ट्रेनें लटक के चलती हैं। यह रेल सेवा काफी पुरानी है और इसकी शुरुआत 1901 में ही हो गई थी। जर्मनी के वुप्पर्टल इलाके में चलाई जाने वाली इन ट्रेनों में रोज करीब 82 हजार लोग ट्रैवल करते हैं। दिलचस्प ये है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए इस ट्रेन की किसी दूसरे देश या शहर में नकल नहीं की गई।
मात्र एक बार हुआ है हादसा
एक रिपोर्ट के मुताबिक हैंगिंग ट्रेन सिर्फ एक बार गंभीर हादसे की शिकार हुई है। 1999 में हुई दुर्घटना में ट्रेन वुप्पर नदी में गिर गई थी जिसमें 5 लोग मारे गए थे और करीब 50 घायल हो गए थे। इसके अलावा 2008 और 2013 में भी मामूली दुर्घटनाएं हुई थी, लेकिन उसमें किसी की मौत नहीं हुई। हैंगिंग ट्रेन के ट्रैक की लंबाई 13.3 किलोमीटर है और यह नदी से 39 फीट ऊपर चलती है। ट्रेन के रुकने के लिए 20 स्टेशन बनाए गए हैं। ट्रेन बिजली से चलती है।
क्यों चलाई गई हैंगिंग ट्रेन
इस ट्रेन के हैंगिंग होने की वजह ये है कि वुप्पर्टल शहर 19वीं शताब्दी के अंत तक अपने औद्यौगिक विकास के चरम पर पहुंच गया था। सड़कें तो थी, लेकिन सामान ढोने के लिए और पैदल चलने वाले लोगों के लिए। वहां पर जमीन पर चलने वाली ट्रामें चलानी मुश्किल थी। पहाड़ी इलाका होने की वजह से अंडरग्राउंड रेल भी नहीं चलाई जा सकती थी। इसी स्थिति में कुछ इंजीनियरों से हैंगिंग ट्रेन चलाने का फैसला किया। इसे दुनिया की सबसे पुरानी मोनो रेल में से एक भी माना जाता है।
मात्र एक बार हुआ है हादसा
एक रिपोर्ट के मुताबिक हैंगिंग ट्रेन सिर्फ एक बार गंभीर हादसे की शिकार हुई है। 1999 में हुई दुर्घटना में ट्रेन वुप्पर नदी में गिर गई थी जिसमें 5 लोग मारे गए थे और करीब 50 घायल हो गए थे। इसके अलावा 2008 और 2013 में भी मामूली दुर्घटनाएं हुई थी, लेकिन उसमें किसी की मौत नहीं हुई। हैंगिंग ट्रेन के ट्रैक की लंबाई 13.3 किलोमीटर है और यह नदी से 39 फीट ऊपर चलती है। ट्रेन के रुकने के लिए 20 स्टेशन बनाए गए हैं। ट्रेन बिजली से चलती है।
क्यों चलाई गई हैंगिंग ट्रेन
इस ट्रेन के हैंगिंग होने की वजह ये है कि वुप्पर्टल शहर 19वीं शताब्दी के अंत तक अपने औद्यौगिक विकास के चरम पर पहुंच गया था। सड़कें तो थी, लेकिन सामान ढोने के लिए और पैदल चलने वाले लोगों के लिए। वहां पर जमीन पर चलने वाली ट्रामें चलानी मुश्किल थी। पहाड़ी इलाका होने की वजह से अंडरग्राउंड रेल भी नहीं चलाई जा सकती थी। इसी स्थिति में कुछ इंजीनियरों से हैंगिंग ट्रेन चलाने का फैसला किया। इसे दुनिया की सबसे पुरानी मोनो रेल में से एक भी माना जाता है।
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