नई दिल्ली
एक दौर था जब सरकारी नौकरी के लिए रोजगार केंद्र में नाम दर्ज करवाना जरूरी समझा जाता था। नौकरी पाने का यह सबसे विश्वसनीय तरीका माना जाता था। लेकिन बदलते समय के साथ रोजगार केंद्र नहीं बदले और धीरे-धीरे इनकी प्रासंगिकता कम होती चली गई। पुराने पड़ चुके इन रोजगार केंद्रों में सरकार अब नई जान फूंकने की तैयारी कर रही है। इसके लिए इन रोजगार केंद्रों को नैशनल पोर्टल के रूप विकसित किया जाएगा। इस पोर्टल पर देशभर में नौकरी की जानकारी के साथ-साथ, इंटर्नशिप और कौशल निर्माण के कोर्सों की जानकारी मुहैया करवाई जाएगी।
श्रम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नैशनल करियर सर्विस पोर्टल के रोजगार केंद्रों में नई जान फूंकी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जुलाई को इंडियन लेबर कॉन्फ्रेंस इस पोर्टल का उद्घाटन करेंगे।
सरकार की कौशल और रोजगारपरक पीढ़ी को तैयार करने का यह कार्यक्रम यूनाइटेड किंगडम की सरकारी योजना से प्रेरित है जिसमें श्रमिकों और नियोक्ताओं के लिए सीधा बाजार तैयार किया जाता है। नौकरी चाहने वालेो के अलावा इस पोर्टल पर छात्रों को करियर काउंसलिंग भी दी जाएगी। इस पोर्टल से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के नियोक्ता सीधे जुड़े होंगे। इसके साथ परोक्ष नियोक्ता जैसे स्टाफिंग एजेंसियां और कौशल निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोग और ट्रेनर भी इस पोर्टल का हिस्सा होंगे।
सरकार की इस योजना में अस्थायी और फ्लेक्सी श्रमिक मुहैया करवाने वाला इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन भी भागीदार होगा। भारत में इस समय 982 रोजगार केंद्र हैं। पहले चरण में सरकार इनमें से 100 को आधुनिक बनाएगी।
एक दौर था जब सरकारी नौकरी के लिए रोजगार केंद्र में नाम दर्ज करवाना जरूरी समझा जाता था। नौकरी पाने का यह सबसे विश्वसनीय तरीका माना जाता था। लेकिन बदलते समय के साथ रोजगार केंद्र नहीं बदले और धीरे-धीरे इनकी प्रासंगिकता कम होती चली गई। पुराने पड़ चुके इन रोजगार केंद्रों में सरकार अब नई जान फूंकने की तैयारी कर रही है। इसके लिए इन रोजगार केंद्रों को नैशनल पोर्टल के रूप विकसित किया जाएगा। इस पोर्टल पर देशभर में नौकरी की जानकारी के साथ-साथ, इंटर्नशिप और कौशल निर्माण के कोर्सों की जानकारी मुहैया करवाई जाएगी।
श्रम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नैशनल करियर सर्विस पोर्टल के रोजगार केंद्रों में नई जान फूंकी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जुलाई को इंडियन लेबर कॉन्फ्रेंस इस पोर्टल का उद्घाटन करेंगे।
सरकार की कौशल और रोजगारपरक पीढ़ी को तैयार करने का यह कार्यक्रम यूनाइटेड किंगडम की सरकारी योजना से प्रेरित है जिसमें श्रमिकों और नियोक्ताओं के लिए सीधा बाजार तैयार किया जाता है। नौकरी चाहने वालेो के अलावा इस पोर्टल पर छात्रों को करियर काउंसलिंग भी दी जाएगी। इस पोर्टल से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के नियोक्ता सीधे जुड़े होंगे। इसके साथ परोक्ष नियोक्ता जैसे स्टाफिंग एजेंसियां और कौशल निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोग और ट्रेनर भी इस पोर्टल का हिस्सा होंगे।
सरकार की इस योजना में अस्थायी और फ्लेक्सी श्रमिक मुहैया करवाने वाला इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन भी भागीदार होगा। भारत में इस समय 982 रोजगार केंद्र हैं। पहले चरण में सरकार इनमें से 100 को आधुनिक बनाएगी।
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