आज हम लेकर आये है 20 ऐसी महिलाओ की सूची जिन्होंने कुछ बहुत ही अनोखा काम किया है जिससे हम उनके भारतीय होने पर गर्व महसूस सकते है ….वैसे ये पूर्णरूप से क्रमबद्ध नही है….क्योकि कुछ भी हो हम किसी की महानता को अंक नही दे सकते……
आइये देखते है उन 20 महिलाओ को और उनके जज्बे को सलाम करते है
1-नीरजा भनोट
नीरजा भनोट मुंबई में पैन ऍम एयरलाइन्स (Pan Am Airlines) की विमान परिचारिका थीं। ५ सितंबर १९८६ के मुम्बई से न्यूयॉर्क जा रहे पैन ऍम उड़ान ७३ के अपहृत विमान में यात्रियों की सहायता एवं सुरक्षा करते हुए वे आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गईं थीं।
उनकी बहादुरी के लिये मरणोपरांत उन्हें भारत सरकार ने शान्ति काल के अपने सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया और साथ ही पाकिस्तान सरकार और अमरीकी सरकार ने भी उन्हें इस वीरता के लिये सम्मानित किया है।
सरला ठकराल
सरला ठकराल भारत की प्रथम महिला विमान चालक थीं। 1936 में सरला ठकराल परंपराओं को तोड़ते हुए एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। उन्होंने ‘जिप्सी मॉथ’ को अकेले ही उड़ाने का कारनामा कर दिखाया था।
सावित्रीबाई फुले
सावित्रीबाई फुले भारत की एक समाजसुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं। उन्होने अपने पति महात्मा ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर स्त्रियों के अधिकारों एवं शिक्षा के लिए बहुत से कार्य किए। सावित्रीबाई भारत के प्रथम कन्या विद्यालय में प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य की अग्रदूत माना जाता है। १८५२ में उन्होने अछूत बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की।
सिन्धुताई सपकाल
सिन्धुताई सपकाल अनाथ बच्चों के लिए समाजकार्य करनेवाली मराठी समाज कार्यकर्ता है। उन्होने अपने जीवन मे अनेक समस्याओं के बावजूद अनाथ बच्चों को सम्भालने का कार्य किया है। इसिलिए उन्हे “माई” (माँ) कहा जाता है। उन्होने १०५० अनाथ बच्चों को गोद लिया है। उनके परिवार मे आज २०७ दामाद और ३६ बहूएँ है। १००० से भी ज्यादा पोते-पोतियाँ है। उनकी खुद की बेटी वकील है और उन्होने गोद लिए बहोत सारे बच्चे आज डाक्टर, अभियंता, वकील है और उनमे से बहोत सारे खुदका अनाथाश्रम भी चलाते है। सिन्धुताई को कुल २७३ राष्ट्रीय और आंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए है जिनमे “अहिल्याबाई होऴकर पुरस्कार है जो स्रियाँ और बच्चों के लिए काम करनेवाले समाजकर्ताओंको मिलता है महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा। यह सारे पैसे वे अनाथाश्रम के लिए इस्तमाल करती है।
मैरी कॉम
मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम (एम सी मैरी कॉम) जिन्हें मैरी कॉम के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय महिला मुक्केबाज हैं। मैरी कॉम पांच बार विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं। २०१२ के लंदन ओलम्पिक मे उन्होंने काँस्य पदक जीता। 2010 के ऐशियाई खेलों में काँस्य तथा 2014 के एशियाई खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया।
दो वर्ष के अध्ययन प्रोत्साहन अवकाश के बाद उन्होंने वापसी करके लगातार चौथी बार विश्व गैर-व्यावसायिक बॉक्सिंग में स्वर्ण जीता। उनकी इस उपलब्धि से प्रभावित होकर एआइबीए ने उन्हें मॅग्नीफ़िसेन्ट मैरी (प्रतापी मैरी) का संबोधन दिया।
Saalumarada Thimmakka
Saalumarada Thimmakka जो एक भारतीय पर्यावरणविद् है उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के आस पास 384 बरगद के पेड़ लगाये और उन्हें पाला.....हर दिन वह और उसके पति पेड़ को पानी देने के लिए 4 किलोमीटर तक बहुत भरी पानी की भरी बाल्टियाँ लेकर जाते है ।
लक्ष्मी सहगल
लक्ष्मी सहगल भारत की स्वतंत्रता संग्राम की सेनानी हैं। वे आजाद हिन्द फौज की अधिकारी तथा आजाद हिन्द सरकार में महिला मामलों की मंत्री थीं। वे व्यवसाय से डॉक्टर थी जो द्वितीय विश्वयुद्ध के समय प्रकाश में आयीं। वे आजाद हिन्द फौज की ‘रानी लक्ष्मी रेजिमेन्ट’ की कमाण्डर थीं।आज़ाद हिंद फ़ौज की रानी झाँसी रेजिमेंट में लक्ष्मी सहगल बहुत सक्रिय रहीं। बाद में उन्हें कर्नल का ओहदा दिया गया लेकिन लोगों ने उन्हें कैप्टन लक्ष्मी के रूप में ही याद रखा।
दुर्गावती देवीवास
दुर्गावती एक जानीमानी भारतीय क्रांतिकारी और जासूस थी जिन्होंने भगत सिंह की एक ट्रेन यात्रा के दौरान उनकी पत्नी के रूप में खुद को प्रस्तुत करके ब्रिटिश पुलिस के चंगुल से बचने में मदद की थी
शकुन्तला देवी
शकुन्तला देवी जिन्हें आम तौर पर “मानव कम्प्यूटर” के रूप में जाना जाता है, बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा की धनी एवं मानसिक परिकलित्र (गणितज्ञ) थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनका नाम 1982 में ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में भी शामिल किया गया। शकुन्तला देवी के अंदर पिछली सदी की किसी भी तारीख का दिन क्षण भर में बताने की क्षमता थी। उन्होंने कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की थी। वह ज्योतिषी भी थीं
मतंगिनी हाजरा
मतंगिनी हाजरा 73 साल की थी जब एक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेते समय ब्रिटिश भारतीय पुलिस द्वारा गोली मारकर उनकी हत्या की गई थी। जब एक के बाद एक गोली उनके सीने में उतारी जा रही थी तब वो भारतीय ध्वज को उच्च शिखर पर फहरा रही थी तो बाबजूद गोली लगने के वह वन्देमातरम का उद्घोष कर रही थी
सुनीता कृष्णन
इनके साथ महज 15साल की उम्र मेँ 8दरिँदो ने बलात्कार किया। ये समाज से बहिष्कृत कर दी गयी। परन्तु इन्होने अपने साथ हुये अन्याय व उत्पीड़न को बुलन्द आवाज बनाया। और आज ये यौन हिँसा व मानव तस्करी के खिलाफ लड़ रही है। इनकी संस्था प्रज्वला सेक्स वर्करोँ के पाँच हजार बच्चो की पढाई का जिम्मा सँभाल रही है। ये वास्तव में एक सच्ची नायिका है …सलाम है इन्हें
इरोम चानू शर्मिला
इरोम चानू शर्मिला को 'मणिपुर की आयरन लेडी ' के रूप में बेहतर जाना जाता है। मणिपुर में निर्दोष नागरिकों की हत्या के विरोध में 2 नवंबर 2000 के बाद से लगातार भूख हड़ताल पर है !
गुलाबी गैंग
कुछ बेहतरीन और कुशल महिलाओ का समूह जो खुद को सामूहिक रूप से “गुलाबी गैंग”कहता है ,इन्होने इक उदाहरण पेश किया है कि कैसे महिला जाति सामूहिक रूप से समाज में दीन और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के लिए न्याय के लिए लड़ते हैं।
फूलन देवी
फूलन देवी एक डकैत थी जो डाकुओ का एक गिरोह चलाती थी….और उस पर हुए बलात्कार का बदला लेने के लिए डाकू बनी
रज़िया सुल्ताना
रजिया सुल्ताना दिल्ली सल्तनत की पहली और आखिरी महिला सम्राट थी । विशेषज्ञों का कहना है कि वह एक शानदार सम्राट थी ।
आनंदीबाई जोशी
पुणे शहर में जन्मी आनंदीबाई जोशी पहली भारतीय महिला थीं, जिन्होंने डॉक्टरी की डिग्री (1886) ली थी। जिस दौर में महिलाओं की शिक्षा भी दूभर थी, ऐसे में विदेश जाकर डॉक्टरी की डिग्री हासिल करना अपने-आप में एक मिसाल है। कथित तौर पर वह अमेरिका में उसके पैर ज़माने वाली पहली हिंदू औरत है।
Onake Obavva
Onake Obavva एक Superwoman है ....जिन्होंने अकेले एक मूसल का उपयोग कर हैदर अली की सेना के कुछ हमलावर सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया ।
Mayilamma
Mayilamma एक समाज सेविका थी जिन्होंने विशाल कम्पनी कोकाकोला के खिलाफ अभियान छेड़ा जिसकी गतिविधियाँ उनके क्षेत्र को प्रदूषित कर रही थी....उनके अभियान ने कोका कोला को मार्च 2004 में बॉटलिंग संयंत्र को बंद करने के मजबूर कर दिया।
टेसी थॉमस
टेसी थॉमस को ‘India’s Missile Woman’ के नाम से भी जाना जाता है ….ये पहली भारतीय महिला है जिन्होंने भारत में किसी मिसाईल प्रोजेक्ट को लीड किया
किरण बेदी
किरण वेदी Indian Police Service (1972) में ऑफिसर बनने वाली पहली भारतीय महिला है
आइये देखते है उन 20 महिलाओ को और उनके जज्बे को सलाम करते है
1-नीरजा भनोट
नीरजा भनोट मुंबई में पैन ऍम एयरलाइन्स (Pan Am Airlines) की विमान परिचारिका थीं। ५ सितंबर १९८६ के मुम्बई से न्यूयॉर्क जा रहे पैन ऍम उड़ान ७३ के अपहृत विमान में यात्रियों की सहायता एवं सुरक्षा करते हुए वे आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गईं थीं।
उनकी बहादुरी के लिये मरणोपरांत उन्हें भारत सरकार ने शान्ति काल के अपने सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया और साथ ही पाकिस्तान सरकार और अमरीकी सरकार ने भी उन्हें इस वीरता के लिये सम्मानित किया है।
सरला ठकराल
सरला ठकराल भारत की प्रथम महिला विमान चालक थीं। 1936 में सरला ठकराल परंपराओं को तोड़ते हुए एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। उन्होंने ‘जिप्सी मॉथ’ को अकेले ही उड़ाने का कारनामा कर दिखाया था।
सावित्रीबाई फुले
सावित्रीबाई फुले भारत की एक समाजसुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं। उन्होने अपने पति महात्मा ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर स्त्रियों के अधिकारों एवं शिक्षा के लिए बहुत से कार्य किए। सावित्रीबाई भारत के प्रथम कन्या विद्यालय में प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य की अग्रदूत माना जाता है। १८५२ में उन्होने अछूत बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की।
सिन्धुताई सपकाल
सिन्धुताई सपकाल अनाथ बच्चों के लिए समाजकार्य करनेवाली मराठी समाज कार्यकर्ता है। उन्होने अपने जीवन मे अनेक समस्याओं के बावजूद अनाथ बच्चों को सम्भालने का कार्य किया है। इसिलिए उन्हे “माई” (माँ) कहा जाता है। उन्होने १०५० अनाथ बच्चों को गोद लिया है। उनके परिवार मे आज २०७ दामाद और ३६ बहूएँ है। १००० से भी ज्यादा पोते-पोतियाँ है। उनकी खुद की बेटी वकील है और उन्होने गोद लिए बहोत सारे बच्चे आज डाक्टर, अभियंता, वकील है और उनमे से बहोत सारे खुदका अनाथाश्रम भी चलाते है। सिन्धुताई को कुल २७३ राष्ट्रीय और आंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए है जिनमे “अहिल्याबाई होऴकर पुरस्कार है जो स्रियाँ और बच्चों के लिए काम करनेवाले समाजकर्ताओंको मिलता है महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा। यह सारे पैसे वे अनाथाश्रम के लिए इस्तमाल करती है।
मैरी कॉम
मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम (एम सी मैरी कॉम) जिन्हें मैरी कॉम के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय महिला मुक्केबाज हैं। मैरी कॉम पांच बार विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं। २०१२ के लंदन ओलम्पिक मे उन्होंने काँस्य पदक जीता। 2010 के ऐशियाई खेलों में काँस्य तथा 2014 के एशियाई खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया।
दो वर्ष के अध्ययन प्रोत्साहन अवकाश के बाद उन्होंने वापसी करके लगातार चौथी बार विश्व गैर-व्यावसायिक बॉक्सिंग में स्वर्ण जीता। उनकी इस उपलब्धि से प्रभावित होकर एआइबीए ने उन्हें मॅग्नीफ़िसेन्ट मैरी (प्रतापी मैरी) का संबोधन दिया।
Saalumarada Thimmakka
Saalumarada Thimmakka जो एक भारतीय पर्यावरणविद् है उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के आस पास 384 बरगद के पेड़ लगाये और उन्हें पाला.....हर दिन वह और उसके पति पेड़ को पानी देने के लिए 4 किलोमीटर तक बहुत भरी पानी की भरी बाल्टियाँ लेकर जाते है ।
लक्ष्मी सहगल
लक्ष्मी सहगल भारत की स्वतंत्रता संग्राम की सेनानी हैं। वे आजाद हिन्द फौज की अधिकारी तथा आजाद हिन्द सरकार में महिला मामलों की मंत्री थीं। वे व्यवसाय से डॉक्टर थी जो द्वितीय विश्वयुद्ध के समय प्रकाश में आयीं। वे आजाद हिन्द फौज की ‘रानी लक्ष्मी रेजिमेन्ट’ की कमाण्डर थीं।आज़ाद हिंद फ़ौज की रानी झाँसी रेजिमेंट में लक्ष्मी सहगल बहुत सक्रिय रहीं। बाद में उन्हें कर्नल का ओहदा दिया गया लेकिन लोगों ने उन्हें कैप्टन लक्ष्मी के रूप में ही याद रखा।
दुर्गावती देवीवास
दुर्गावती एक जानीमानी भारतीय क्रांतिकारी और जासूस थी जिन्होंने भगत सिंह की एक ट्रेन यात्रा के दौरान उनकी पत्नी के रूप में खुद को प्रस्तुत करके ब्रिटिश पुलिस के चंगुल से बचने में मदद की थी
शकुन्तला देवी
शकुन्तला देवी जिन्हें आम तौर पर “मानव कम्प्यूटर” के रूप में जाना जाता है, बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा की धनी एवं मानसिक परिकलित्र (गणितज्ञ) थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनका नाम 1982 में ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में भी शामिल किया गया। शकुन्तला देवी के अंदर पिछली सदी की किसी भी तारीख का दिन क्षण भर में बताने की क्षमता थी। उन्होंने कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की थी। वह ज्योतिषी भी थीं
मतंगिनी हाजरा
मतंगिनी हाजरा 73 साल की थी जब एक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेते समय ब्रिटिश भारतीय पुलिस द्वारा गोली मारकर उनकी हत्या की गई थी। जब एक के बाद एक गोली उनके सीने में उतारी जा रही थी तब वो भारतीय ध्वज को उच्च शिखर पर फहरा रही थी तो बाबजूद गोली लगने के वह वन्देमातरम का उद्घोष कर रही थी
सुनीता कृष्णन
इनके साथ महज 15साल की उम्र मेँ 8दरिँदो ने बलात्कार किया। ये समाज से बहिष्कृत कर दी गयी। परन्तु इन्होने अपने साथ हुये अन्याय व उत्पीड़न को बुलन्द आवाज बनाया। और आज ये यौन हिँसा व मानव तस्करी के खिलाफ लड़ रही है। इनकी संस्था प्रज्वला सेक्स वर्करोँ के पाँच हजार बच्चो की पढाई का जिम्मा सँभाल रही है। ये वास्तव में एक सच्ची नायिका है …सलाम है इन्हें
इरोम चानू शर्मिला
इरोम चानू शर्मिला को 'मणिपुर की आयरन लेडी ' के रूप में बेहतर जाना जाता है। मणिपुर में निर्दोष नागरिकों की हत्या के विरोध में 2 नवंबर 2000 के बाद से लगातार भूख हड़ताल पर है !
गुलाबी गैंग
कुछ बेहतरीन और कुशल महिलाओ का समूह जो खुद को सामूहिक रूप से “गुलाबी गैंग”कहता है ,इन्होने इक उदाहरण पेश किया है कि कैसे महिला जाति सामूहिक रूप से समाज में दीन और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के लिए न्याय के लिए लड़ते हैं।
फूलन देवी
फूलन देवी एक डकैत थी जो डाकुओ का एक गिरोह चलाती थी….और उस पर हुए बलात्कार का बदला लेने के लिए डाकू बनी
रज़िया सुल्ताना
रजिया सुल्ताना दिल्ली सल्तनत की पहली और आखिरी महिला सम्राट थी । विशेषज्ञों का कहना है कि वह एक शानदार सम्राट थी ।
आनंदीबाई जोशी
पुणे शहर में जन्मी आनंदीबाई जोशी पहली भारतीय महिला थीं, जिन्होंने डॉक्टरी की डिग्री (1886) ली थी। जिस दौर में महिलाओं की शिक्षा भी दूभर थी, ऐसे में विदेश जाकर डॉक्टरी की डिग्री हासिल करना अपने-आप में एक मिसाल है। कथित तौर पर वह अमेरिका में उसके पैर ज़माने वाली पहली हिंदू औरत है।
Onake Obavva
Onake Obavva एक Superwoman है ....जिन्होंने अकेले एक मूसल का उपयोग कर हैदर अली की सेना के कुछ हमलावर सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया ।
Mayilamma
Mayilamma एक समाज सेविका थी जिन्होंने विशाल कम्पनी कोकाकोला के खिलाफ अभियान छेड़ा जिसकी गतिविधियाँ उनके क्षेत्र को प्रदूषित कर रही थी....उनके अभियान ने कोका कोला को मार्च 2004 में बॉटलिंग संयंत्र को बंद करने के मजबूर कर दिया।
टेसी थॉमस
टेसी थॉमस को ‘India’s Missile Woman’ के नाम से भी जाना जाता है ….ये पहली भारतीय महिला है जिन्होंने भारत में किसी मिसाईल प्रोजेक्ट को लीड किया
किरण बेदी
किरण वेदी Indian Police Service (1972) में ऑफिसर बनने वाली पहली भारतीय महिला है
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