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Thursday, June 11, 2015

मैगी इफैक्ट? एक चौथाई आबादी के खून में है लैड!

नई दिल्ली। सालों से बच्चों से लेकर बड़ों तक के फेवरेट नूडल ब्रांड रहे मैगी को उसमें लेड की मात्रा अधिक होने के चलते बैन कर दिया गया है। मैगी को लेकर मचे बवाल के बीच अब एक रिसर्च में दावा किया गया है कि देश के हर चौथे व्यक्ति के शरीर में लैड की मात्रा खतरनाक स्तर तक अधिक है। ये लैड उनके शरीर में धीमे जहर की तरह काम कर रहा है।

ये रिसर्च पिछले एक साल से चल रही थी, जिसमें 733 लोगों के रक्त के नमूनों की जांच की गई। इस जांच के बाद 23.47% लोगों यानि 172 लोगों के खून में लैड की मात्रा अधिक निकली। रिसर्च रिपोर्ट को तैयार करने वाली संस्था के सलाहकार डॉ संदीप वागड़े ने ये जानकारी दी।


डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर साल 1 लाख 43 हजार लोगों की मौत लैड की वजह से होती है। ये लेड लोगों के शरीर में मिट्टी, पीने के पानी, घरों की धूल, पेंट, प्रिंटिंग प्रेस, कॉस्मेटिक्स, पेंसिल्स, डिब्बाबंद भोज्य पदार्थों और खाने वाले रंग की वजह से पहुंचता है।

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