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Sunday, June 14, 2015

पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की डिग्री सही, पर नहि मिलि अबी तक राहत


भागलपुर।  पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की कानून की डिग्री की वैधता की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को अब तक की जांच में  तोमर की कानून की डिग्री सही लगी। पुलिस को प्रमाण पत्र को सही करार देने वाले कुछ कागजात मिले हैं. दिल्ली के क्राइम ब्रांच के एसीपी एसपी त्यागी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ने शनिवार को दूसरे दिन भी परीक्षा विभाग के दर्जन भर कर्मचारियों से सख्ती पूछताछ की। इन कर्मचारियों के सौ से अधिक हस्ताक्षर के नमूने लिए गए हैं।
शनिवार को तोमर के लॉ के थर्ड पार्ट का टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) भी मिल गया है। तोमर के थर्ड पार्ट के मूल टीआर को रैकेट के सदस्यों ने पहले गायब करवा दिया था। लेकिन जब पुलिस का शिकंजा कसा तो परीक्षा विभाग के कर्मचारियों ने उसे ढूंढ निकाला।
थर्ड पार्ट के दो टीआर मिले हैं। 2012 में तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रो. रामाशीष पूर्वे ने तोमर के टीआर को विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज मुंगेर से सत्यापित कर मंगवाया था। इसके पहले 2006 में भी तोमर के टीआर को प्रो. निरंजन यादव ने लॉ कॉलेज से सत्यापित कर मंगवाया था। हालांकि कानून की डिग्री असली इसलिए नहीं मानी जाएगी क्योंकि तोमर ने अवध विवि के स्नातक के जिस प्रमाण-पत्र पर लॉ में नामांकन लिया था वह ही फर्जी निकली है। विवि प्रशासन ने 2012 में दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री को जारी मूल प्रमाण पत्र का मामला उजागर होने के बाद अब नए सिरे से इसकी जांच शुरू कर दी है। उधर दिल्ली पुलिस ने विवि प्रशासन को तोमर कांड से जुड़े 100 सवालों की एक सूची थमा दी है। इसका जवाब देने के लिए विवि प्रशासन ने दिल्ली पुलिस से 15 दिन की मोहलत मांगी है।

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