नई दिल्ली। इस साल भारत में 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहे पारे से अब तक गर्मी 2300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन आने वाले सालों में भारत समेत पूर्वी और पश्चिमी तटीय इलाके भी भीषण गर्मी से तपने वाले हैं। गर्मी ना सिर्फ अत्यधिक बढ़ेगी बल्कि ग्रीष्मकाल भी अधिक लंबा होगा। देश में गर्मी की मार के साथ मौतों का सिलसिला भी और बढ़ेगा। आइआइटी-बांबे के शोधकर्ताओं ने पिछले 40 साल (1969-2009) के देश भर के 395 मौसम विभाग के स्टेशनों से तापमान के आंकड़े जुटाकर यह अध्ययन किया है। रीजनल इनवायरमेंट चेंज जरनल में प्रकाशित शोध के अनुसार भविष्य में दक्षिण भारत में तपती-झुलसती गर्मी के नजारे आम होंगे। फिलहाल तो अत्यधिक गर्मी होने के बावजूद तापमान उतना अधिक नहीं बढ़ रहा। भावी सालों में भीषण गर्मी मई-जून के बजाय अप्रैल माह से ही शुरू हो जाया करेगी।
गर्मी के कारण 2300 लोगो कि अब तक मौत
नई दिल्ली। इस साल भारत में 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहे पारे से अब तक गर्मी 2300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन आने वाले सालों में भारत समेत पूर्वी और पश्चिमी तटीय इलाके भी भीषण गर्मी से तपने वाले हैं। गर्मी ना सिर्फ अत्यधिक बढ़ेगी बल्कि ग्रीष्मकाल भी अधिक लंबा होगा। देश में गर्मी की मार के साथ मौतों का सिलसिला भी और बढ़ेगा। आइआइटी-बांबे के शोधकर्ताओं ने पिछले 40 साल (1969-2009) के देश भर के 395 मौसम विभाग के स्टेशनों से तापमान के आंकड़े जुटाकर यह अध्ययन किया है। रीजनल इनवायरमेंट चेंज जरनल में प्रकाशित शोध के अनुसार भविष्य में दक्षिण भारत में तपती-झुलसती गर्मी के नजारे आम होंगे। फिलहाल तो अत्यधिक गर्मी होने के बावजूद तापमान उतना अधिक नहीं बढ़ रहा। भावी सालों में भीषण गर्मी मई-जून के बजाय अप्रैल माह से ही शुरू हो जाया करेगी।
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