Ad.

Showing posts with label appointment. Show all posts
Showing posts with label appointment. Show all posts

Monday, July 20, 2015

दलाई लामा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति पर चीन हुआ सख्त

बीजिंग : दलाई लामा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति पर कड़ा रख अख्तियार करते हुए चीन ने आज कहा कि उत्तराधिकार में उसने तब एक ‘अहम भूमिका’ निभाई जब उसने 1653 में पांचवें दलाई लामा की उपाधि आधिकारिक तौर पर दी थी।

तिब्बत के शीर्ष आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा द्वारा अपने उत्तराधिकारी के मुद्दे पर लगातार दिए जा रहे जोर पर सवाल उठाते हुए शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने अपनी एक टिप्पणी में कहा, ‘14वें दलाई लामा ऐसे कह रहे हैं मानो सदियों पुरानी यह व्यवस्था उनका निजी मामला है।’ न्यूयॉर्क टाइम्स को हाल में दिए गए एक इंटरव्यू में दलाई लामा ने संकेत दिए थे कि वह निर्वासित तिब्बती नागरिकों के बीच एक जनमत संग्रह और चीन में रह रहे तिब्बतियों के बीच विचार-विमर्श कराएंगे कि क्या किसी नए दलाई लामा को उनका उत्तराधिकारी होना चाहिए।

80 साल के दलाई लामा ने अखबार को बताया कि ‘चीनी कम्युनिस्ट पार्टी यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि वह नियुक्ति की प्रक्रिया के बारे में दलाई लामा से ज्यादा जानती है।’ शिन्हुआ में टिप्पणी ने कहा, ‘केंद्र सरकार का अधिकार हमेशा से अहम रहा है। ऐतिहासिक घटनाएं दिखाती हैं कि इस प्रक्रिया में केंद्र सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण है।’

शिन्हुआ ने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘दलाई लामा’ की उपाधि को ‘ओशन ऑफ विजडम’ भी कहा जाता है। चीन की केंद्र सरकार ने 1653 में पांचवें दलाई लामा को आधिकारिक तौर पर यह उपाधि दी। इसके बाद से दलाई लामा की सभी उपाधियों के लिए चीन की केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी है। सरकार इस प्रक्रिया को अहम मुद्दा मानती है जो संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है।’

समाचार एजेंसी ने कहा, ‘पिछले 500 साल से गेलग संप्रदाय ने एक नियमित प्रक्रिया का इस्तेमाल किया है । इस प्रक्रिया के जरिए वर्तमान यानी 14वें दलाई लामा खुद तिब्बती बौद्ध धर्म पंथ के ‘येलो हैट’ यानी गेलुग के प्रमुख भिक्षु बने।’ दलाई लामा निर्वासन में जैसे-जैसे उम्रदराज हो रहे हैं, चीन इस बात पर जोर दे रहा है कि उनके उत्तराधिकारी को नियुक्त करने में उसकी मुख्य भूमिका है ताकि तिब्ब्ती बौद्ध के सर्वोच्च आध्यात्मिक और राजनीतिक बलों पर वह अपनी मजबूत पकड़ कायम कर सके। तिब्बत के लोग दलाई लामा को साक्षात बुद्ध मानते हैं, लेकिन चीन उन्हें अलगाववादी मानता है।

सौजन्य: ZEE NEWS