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Sunday, July 26, 2015

यहां आदिवासी करते हैं शिवलिंगम की पूजा, भारत की गुफाएं व उनका महत्व

3:38 PM Posted by Unknown , , No comments
भारत सुंदरता और विविधताओं का देश है। इसकी विशेषताओं के बारे में जितना बताया जाए, कम होगा। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन गुफाएं आज भी लोगों को आश्चर्यचकित कर देती हैं। देश की गुफाएं यहां के इतिहास की कहानी कहती हैं। आज हम आपको भारत की कुछ ऐसी ही ऐतिहासिक गुफाओं के बारे में बता रहे हैं। यहां आप बच्चों और फैमिली के साथ घूमने के लिए जा सकते हैं।

1-बॉर्रा गुफा
यह गुफा आंध्र प्रदेश के विशाखापट्ट्नम जिले में अराक वैली की अनंतगिरी पहाड़ी में स्थित है। विशाखापट्टनम के बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस में यह गुफा शामिल है। इस गुफा में आपको शिवलिंग मिलेगा, जिसकी पूजा आस-पास के आदिवासी लोग करते हैं। आंध्र प्रदेश की बेलम और उंडावल्ली गुफाएं फेसम गुफाओं में से हैं।
2-बाघ गुफाएं
मध्य प्रदेश में विध्यांचल की दक्षिणी ढलानों के बीच में बौद्ध रॉक कट गुफा स्थित है। यह गुफा फेमस नौ रॉक कट पहाड़ों में से एक है, जिन पर पेंटिंग्स बनायी गई हैं, जिसे ‘रंग महल’ और ‘प्लेस ऑफ कलर’ के नाम से जाना जाता है। मध्य प्रदेश में इन गुफाओं के अलावा भीमबैटका और विदिशा में स्थित उदयगिरी गुफाएं भी प्रसिद्ध हैं।

3-उदयगिरी गुफाएं
उदयगिरी की गुफाएं आदिवासी बहुल राज्य ओडिशा में भुवनेश्वर के निकट स्थित हैं। उदयगिरी गुफा और खंडगिरी गुफा 33 पहाड़ों को काटकर बनाई गई हैं। ये अपने कक्षों, मूर्तियों और दीवारों पर की गई चित्रकारी के लिए फेमस हैं। बेहद आकर्षक इन दोनों गुफाओं से कई धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हैं।

4-बादामी गुफा
यह सुंदर और नक्काशीदार गुफा कर्नाटक के बादामी में स्थित है। बादामी की चार गुफाओं में से दो  गुफाएं भगवान विष्णु, एक भगवान शिव और एक जैन धर्म से संबंधित बताई जाती हैं। पहाड़ों को काट कर लाल पत्थर से बनायी गई ये गुफाएं अपनी सुंदरता के लिए फेमस हैं। पत्थरों में की गयी नक्काशी देखने लायक है। इसके अलावा, कर्नाटक  में एहिलो गुफा भी आकर्षण का केंद्र है।

5-बाराबर गुफाएं
बाराबर गुफाएं बिहार के गया जिले में स्थित हैं। ये गुफाएं बाराबर की दो पहाड़ियों में हैं। यहां कुल चार गुफाएं हैं और नागार्जुन की पहाड़ियों में तीन गुफाएं हैं। ये गुफाएं देश की सबसे प्राचीन गुफाओं में से हैं। यहां कलाकृतियां भी मिलती हैं। इन गुफाओं के अलावा, सुदामा और सोनभद्रा भी बिहार की प्रसिद्ध गुफाओं में से एक हैं।

6-अजंता की गुफाएं
महाराष्ट्र के जलगांव में देश की सबसे खूबसूरत और बड़ी गुफाओं में से एक है यह गुफा। इन गुफाओं की दीवारों पर पेंटिंग्स बनी हुई हैं, जो प्राचीन मनुष्य की कला का अनूठा उदाहरण हैं। भारत की अजंता और एलोरा की गुफाओं की कलाकृतियों दुनिया भर के पर्यटकों का मन मोह लेती हैं। ये बौद्ध काल की बताई जाती हैं। महाराष्ट्र की दूसरी फेमस गुफाएं हैं कारला, भाजा और कन्हेरी। एलोरा और एलिफेंटा तो दुनिया भर में मशहूर गुफाओं में से एक हैं

7-एडाक्कल गुफा
केरल के वयनाड की अंबुकुथी हिल्स में दो प्राकृतिक गुफाएं हैं। एडाक्कल की ये दोनों गुफाएं पवित्र स्थलों के रूप में प्रसिद्ध हैं। एडाक्कल गुफा का मतलब होता है ‘पत्थरों के बीच’, जो प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता है।

8-वराह गुफाएं
तमिलनाडु में चेन्नई के कोरोमंडल के पास महाबलिपुरम में यह गुफा स्थित है। वराह गुफा में भगवान विष्णु का मंदिर है। चट्टानों को काट कर की गई कलाकारी इतनी सुंदर है कि इसे यूनेस्को की विश्व विरासत का हिस्सा बनाया गया है। वराह गुफा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इस गुफा के अलावा सित्तनवसल और नार्थमलाई गुफा भी काफी फेमस है।

9-माव्समाई गुफा
माव्समाई गुफा मेघालय के चेरापूंजी के पास स्थित है, जिसे दुनिया का सबसे नमी वाला स्थान माना जाता है। लाइमस्टोन से बना यह ख़ूबसूरत केव नौशन्तियांग झरने से ज़्यादा दूर नहीं है। माव्समाई केव इंडिया के मोस्ट पॉपुलर केव्स में एक है, जहां रोशनी भी है, जबकि दूसरे केव अंधेरे हैं।

10-जोगीमारा गुफा
छत्तीसगढ़ में आपको देखने के लिए घने जंगल, वन्य जीव, आदिवासी और प्राकृतिक सुंदरता मिलेगी। सीताबेंग गुफा सरगुजा जिले के अंबिकापुर की रामगढ़ पहाड़ियों में स्थित है। दरअसल, ये दो गुफाएं हैं। एक सीताबेंग और दूसरी जोगीमारा। यहां तक पहुंचने के लिए आपको प्राकृतिक टनल हतिपल के रास्ते से जाना होगा। छत्तीसगढ़ के पहाड़ी इलाकों और घने जंगल से होते हुए ही आप कैलाश गुफा, दंडक गुफा और कुटुमसर गुफा (जो कांगड़ वैली के नेशनल पार्क के पास है) तक पहुंच सकते हैं।

20 भारतीय महिलाएं जिनपर हमे होता है गर्व

12:37 PM Posted by Unknown , , No comments
आज हम लेकर आये है 20 ऐसी महिलाओ की सूची जिन्होंने कुछ बहुत ही अनोखा काम किया है जिससे हम उनके भारतीय होने पर गर्व महसूस सकते है ….वैसे ये पूर्णरूप से क्रमबद्ध नही है….क्योकि कुछ भी हो हम किसी की महानता को अंक नही दे सकते……

आइये देखते है उन 20 महिलाओ को और उनके जज्बे को सलाम करते है
1-नीरजा भनोट
नीरजा भनोट  मुंबई में पैन ऍम एयरलाइन्स (Pan Am Airlines) की विमान परिचारिका थीं। ५ सितंबर १९८६ के मुम्बई से न्यूयॉर्क जा रहे पैन ऍम उड़ान ७३ के अपहृत विमान में यात्रियों की सहायता एवं सुरक्षा करते हुए वे आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गईं थीं।
उनकी बहादुरी के लिये मरणोपरांत उन्हें भारत सरकार ने शान्ति काल के अपने सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया और साथ ही पाकिस्तान सरकार और अमरीकी सरकार ने भी उन्हें इस वीरता के लिये सम्मानित किया है।

सरला ठकराल
सरला ठकराल भारत की प्रथम महिला विमान चालक थीं। 1936 में सरला ठकराल परंपराओं को तोड़ते हुए एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। उन्होंने ‘जिप्सी मॉथ’ को अकेले ही उड़ाने का कारनामा कर दिखाया था।
सावित्रीबाई फुले
सावित्रीबाई फुले भारत की एक समाजसुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं। उन्होने अपने पति महात्मा ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर स्त्रियों के अधिकारों एवं शिक्षा के लिए बहुत से कार्य किए। सावित्रीबाई भारत के प्रथम कन्या विद्यालय में प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य की अग्रदूत माना जाता है। १८५२ में उन्होने अछूत बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की।


सिन्धुताई सपकाल
सिन्धुताई सपकाल अनाथ बच्चों के लिए समाजकार्य करनेवाली मराठी समाज कार्यकर्ता है। उन्होने अपने जीवन मे अनेक समस्याओं के बावजूद अनाथ बच्चों को सम्भालने का कार्य किया है।  इसिलिए उन्हे “माई” (माँ) कहा जाता है। उन्होने १०५० अनाथ बच्चों को गोद लिया है। उनके परिवार मे आज २०७ दामाद और ३६ बहूएँ है। १००० से भी ज्यादा पोते-पोतियाँ है। उनकी खुद की बेटी वकील है और उन्होने गोद लिए बहोत सारे बच्चे आज डाक्टर, अभियंता, वकील है और उनमे से बहोत सारे खुदका अनाथाश्रम भी चलाते है। सिन्धुताई को कुल २७३ राष्ट्रीय और आंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए है जिनमे “अहिल्याबाई होऴकर पुरस्कार है जो स्रियाँ और बच्चों के लिए काम करनेवाले समाजकर्ताओंको मिलता है महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा। यह सारे पैसे वे अनाथाश्रम के लिए इस्तमाल करती है।

मैरी कॉम
मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम (एम सी मैरी कॉम) जिन्हें मैरी कॉम के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय महिला मुक्केबाज हैं।  मैरी कॉम पांच बार ‍विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं। २०१२ के लंदन ओलम्पिक मे उन्होंने काँस्य पदक जीता। 2010 के ऐशियाई खेलों में काँस्य तथा 2014 के एशियाई खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया।

दो वर्ष के अध्ययन प्रोत्साहन अवकाश के बाद उन्होंने वापसी करके लगातार चौथी बार विश्व गैर-व्यावसायिक बॉक्सिंग में स्वर्ण जीता। उनकी इस उपलब्धि से प्रभावित होकर एआइबीए ने उन्हें मॅग्नीफ़िसेन्ट मैरी (प्रतापी मैरी) का संबोधन दिया।

Saalumarada Thimmakka
Saalumarada Thimmakka जो एक भारतीय पर्यावरणविद् है उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के आस पास  384 बरगद के पेड़ लगाये और उन्हें पाला.....हर दिन वह और उसके पति  पेड़ को पानी देने के लिए 4 किलोमीटर तक बहुत भरी पानी की भरी बाल्टियाँ लेकर जाते है ।

लक्ष्मी सहगल
लक्ष्मी सहगल  भारत की स्वतंत्रता संग्राम की सेनानी हैं। वे आजाद हिन्द फौज की अधिकारी तथा आजाद हिन्द सरकार में महिला मामलों की मंत्री थीं। वे व्यवसाय से डॉक्टर थी जो द्वितीय विश्वयुद्ध के समय प्रकाश में आयीं। वे आजाद हिन्द फौज की ‘रानी लक्ष्मी रेजिमेन्ट’ की कमाण्डर थीं।आज़ाद हिंद फ़ौज की रानी झाँसी रेजिमेंट में लक्ष्मी सहगल बहुत सक्रिय रहीं। बाद में उन्हें कर्नल का ओहदा दिया गया लेकिन लोगों ने उन्हें कैप्टन लक्ष्मी के रूप में ही याद रखा।

दुर्गावती देवीवास

दुर्गावती एक जानीमानी भारतीय क्रांतिकारी और जासूस  थी जिन्होंने भगत सिंह की एक ट्रेन यात्रा के दौरान उनकी पत्नी के रूप में खुद को प्रस्तुत करके ब्रिटिश पुलिस के चंगुल से बचने में मदद की थी

शकुन्तला देवी
शकुन्तला देवी  जिन्हें आम तौर पर “मानव कम्प्यूटर” के रूप में जाना जाता है, बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा की धनी एवं मानसिक परिकलित्र (गणितज्ञ) थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनका नाम 1982 में ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में भी शामिल किया गया। शकुन्तला देवी के अंदर पिछली सदी की किसी भी तारीख का दिन क्षण भर में बताने की क्षमता थी। उन्होंने कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की थी। वह ज्योतिषी भी थीं

मतंगिनी हाजरा

मतंगिनी हाजरा 73 साल की थी जब एक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेते समय ब्रिटिश भारतीय पुलिस द्वारा गोली मारकर उनकी हत्या की गई थी। जब एक के बाद एक गोली उनके सीने में उतारी जा रही थी तब वो भारतीय ध्वज को उच्च शिखर पर फहरा रही थी तो बाबजूद गोली लगने के वह वन्देमातरम का उद्घोष कर रही थी

सुनीता कृष्‍णन
इनके साथ महज 15साल की उम्र मेँ 8दरिँदो ने बलात्कार किया। ये समाज से बहिष्कृत कर दी गयी। परन्तु इन्होने अपने साथ हुये अन्याय व उत्पीड़न को बुलन्द आवाज बनाया। और आज ये यौन हिँसा व मानव तस्करी के खिलाफ लड़ रही है। इनकी संस्था प्रज्वला सेक्स वर्करोँ के पाँच हजार बच्चो की पढाई का जिम्मा सँभाल रही है। ये वास्तव में एक सच्ची नायिका है …सलाम है इन्हें

इरोम चानू शर्मिला

इरोम चानू शर्मिला को 'मणिपुर की आयरन लेडी ' के रूप में बेहतर जाना जाता है। मणिपुर में निर्दोष नागरिकों की हत्या के विरोध में 2 नवंबर 2000 के बाद से लगातार  भूख हड़ताल पर है !

गुलाबी गैंग

कुछ बेहतरीन और कुशल महिलाओ का समूह जो खुद को सामूहिक रूप से “गुलाबी गैंग”कहता है ,इन्होने इक उदाहरण पेश किया है कि कैसे महिला जाति सामूहिक रूप से समाज में दीन और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के लिए न्याय के लिए लड़ते हैं।

फूलन देवी
फूलन देवी एक डकैत थी जो डाकुओ का एक गिरोह चलाती थी….और उस पर हुए बलात्कार का बदला लेने के लिए डाकू बनी
रज़िया सुल्ताना
रजिया सुल्ताना दिल्ली सल्तनत की पहली और आखिरी महिला सम्राट थी । विशेषज्ञों का कहना है कि वह एक शानदार सम्राट थी ।

आनंदीबाई जोशी
पुणे शहर में जन्‍मी आनंदीबाई जोशी  पहली भारतीय महिला थीं, जिन्‍होंने डॉक्‍टरी की डिग्री (1886) ली थी। जिस दौर में महिलाओं की शिक्षा भी दूभर थी, ऐसे में विदेश जाकर डॉक्‍टरी की डिग्री हासिल करना अपने-आप में एक मिसाल है। कथित तौर पर वह अमेरिका में उसके पैर ज़माने वाली पहली हिंदू औरत है।

Onake Obavva
Onake Obavva  एक Superwoman है ....जिन्होंने अकेले एक मूसल का उपयोग कर  हैदर अली की सेना के कुछ हमलावर सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया ।

Mayilamma

Mayilamma एक समाज सेविका थी जिन्होंने विशाल कम्पनी कोकाकोला के खिलाफ अभियान छेड़ा जिसकी गतिविधियाँ उनके क्षेत्र को प्रदूषित कर रही थी....उनके अभियान ने कोका कोला को मार्च 2004 में बॉटलिंग संयंत्र को  बंद करने के मजबूर कर दिया।

टेसी थॉमस
टेसी थॉमस को  ‘India’s Missile Woman’ के नाम से भी जाना जाता है ….ये पहली भारतीय महिला है जिन्होंने भारत में किसी मिसाईल प्रोजेक्ट को लीड किया

किरण बेदी
किरण वेदी Indian Police Service (1972) में ऑफिसर बनने वाली पहली भारतीय महिला है