नयी दिल्ली: मुद्रास्फीति
और बेहतर
वित्तीय आंकड़ों
को देखते
हुए रिजर्व
बैंक मंगलवार
को होनेवाली
मौद्रिक नीति
समीक्षा में
आर्थिक गतिविधियों
और निवेश
को बढ़ावा
देने के
लिए प्रमुख
नीतिगत दर
में कटौती
कर सकता
है. थोक
मुद्रास्फीति अप्रैल में शून्य से
2.65 प्रतिशत नीचे रही. थोक मूल्य
सूचकांक पर
आधारित मुद्रास्फीति
छह माह
से शून्य
से नीचे
है तथा
खुदरा बाजार
में भी
कीमतों में
नरमी का
रुख है.
उद्योग जगत
और बैंकों
उम्मीद है
कि सरकार
ने मार्च
में समाप्त
पिछले वित्त
वर्ष के
में राजकोषीय
घाटे को
सकल घरेलू
उत्पाद (जीडीपी)
के चार
प्रतिशत तक
सीमित रखा.
इससे नीतिगत
ब्याज दर
में कमी
की गुंजाइश
बनी है.
रिजर्व बैंक
के गवर्नर
रघुराम राजन
के नेतृत्व
में रिजर्व
बैंक इस
जनवरी और
मार्च 2015 में नीतिगत ब्याज
दर रेपो
में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती कर
चुका है.
सात अप्रैल
को चालू
वित्त वर्ष
की पहली
द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में
केंद्रीय बैंक
ने रेपो
में
बदलाव नहीं किया. भारतीय बैंक
संघ (आइबीए)
के चेयरमैन
टीएम भसीन
ने कहा
कि थोक
मुद्रास्फीति लगातार शून्य से नीचे
बनी हुई
है ऐसे
में नीतिगत
दर पर
गौर कर
इसमें सुधार
की संभावना
बनी है.
यूनाइटेड बैंक
ऑफ इंडिया
के प्रबंध
निदेशक और
सीइओ पी
श्रीनिवास ने भी कहा कि
खुदरा मुद्रास्फीति
इस समय
बेहतर स्थिति
में है.
बैंक ने
बयान में
कहा कि
इस योजना
के तहत
‘उनका घर’
के तहत
रिण लेने
वाली महिलाओं
को कार
के लिए
10 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर
पर रिण
दिया जाएगा.वहीं इस
योजना के
बाहर की
महिलाओं को
10.25 प्रतिशत की ब्याज दर पर
ही कार
के लिए
रिण दिया
जाएगा.इस
साल अप्रैल
में एसबीआई
ने नई
महिला ग्राहकों
के लिए
‘उनका घर’
योजना के
तहत आवास
रिण पर
ब्याज दर
10.10 प्रतिशत से घटाकर 9.85 प्रतिशत कर
दी थी.
इस बीच,
बैंक ने
एमकैश भी
शुरु किया
है. इसके
तहत ग्राहक
किसी भी
व्यक्ति को
उसका बैंक
खाते के
ब्योरे के
बिना धन
का स्थानांतरण
कर सकते
हैं. इसमें
धन पाने
वाला व्यक्ति
एसबीआई के
साथ बैंकिंग
लेनदेन करता
हो यह
जरुरी नहीं
है.
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